शाही अनाज - राजगिरा

मैं हमेशा से यह जानना चाहता हूं कि राजगिरे में ऐसा क्या है जो उपवास के दिनों में सभी को प्रिय है। वन

New Update
the royal grain rajgira

मैं हमेशा से यह जानना चाहता हूं
कि राजगिरे में ऐसा क्या है जो उपवास के दिनों में सभी को प्रिय है।
वनस्पति-शास्त्र के अनुसार यह ‘नॉन-सीरियल’ (अनाज नहीं है) है। यह इसकी एक
योग्यता है। बहुत कम लोग जानते हैं इसमें पौष्टिकता भरपूर मात्रा में पाई
जाती है।

दूसरी चीज़ जो इसके नाम से ही पहेली जैसी लगती है। यह अनाज
भारत में कैसे और कहाँ से आया, इस बात का पता मैं नहीं लगा पाया। श्रमशील
किसान इसे खाकर अत्यधिक ऊर्जायुक्त हो जाते थे। इसके लाभों से उपकृत होकर
भगवान को शुक्रिया अदा करते थे। उन्होंने इसका नाम रखा रामदाना (भगवान का
दाना) और राजगीरा (शाही अनाज)। अंग्रेजी शब्द है ऐमरंथ ग्रेन। इस शब्द का
उद्भव संस्कृत से हुआ है। आप विश्वास करें या न करें, इसका मतलब है ‘मृत्यु
की संभावना को कम करना’। जैसा कि आप पढ़ रहे हैं, विश्वास करें राजगिरा
कभी भी अविस्मृति के अंधेरे में नहीं खोएगा।

राजगिरा को दाना के रूप
में या आटा के रूप में यानि दोनों रूपों में आसानी से प्राप्त कर सकते
हैं। दाना का रंग और वज़न दोनों हल्का होता है। जब यह फूल जाता है तब इससे
खीर या चिक्की बहुत अच्छी बनती है।

इसके आटे का बहुत तरह से
इस्तेमाल होता है। इसको गूंद कर परांठा या पूरी बना सकते हैं या शीरे
(हलवे) में भी बदल सकते हैं। मैं कढ़ी में बेसन के जगह पर राजगिरे का
इस्तेमाल भी करता हूं, सिर्फ स्वाद और सुगंध को बदलने के लिए।

आश्चर्य
की बात नहीं है कि राजगिरे चिक्की को सबसे स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्द्धक
चिक्की माना जाता है। मैं लड्डू के जगह पर चपटा आकार में पसंद करता हूं
क्योंकि खाने में सहुलियत होती है। अगली बार जब आप खाएँ तब यह जाने कि
राजगिरे हल्का होने के साथ-साथ प्रोटीनयुक्त होता है। इसके अलावा इसमें
डाएटरी फाइबर, मिनरल में आयरन, मैग्नीशिअम, फोसफोरस, कॉपर और विशेषकर
मैंगनीज़ पर्याप्त मात्रा में रहता है। राजगिरे लाइसिन से भरपूर होता है और
इसमें ज़रूरी अमीनो ऐसिड रहता है जो किसी भी सब्ज़ी के प्रोटीन के स्रोत
में मिलना मुश्किल है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप राजगिरे को दूसरे
अनाज/दाने जैसे मकई के साथ मिलाएँगे तो असाधारण अमिनो ऐसिड का संतुलन बनेगा
जो माँस और दूध से भी कहीं ज़्यादा बेहतर होगा। इसमें भरपूर मात्रा में
पौष्टिकता भरा रहता है, इसलिए इसको उपवास के दिनों में खाया जाता है।
विशेषकर पूरी और हलवा से कम कैलोरी वाला नाश्ता होता है। प्यारा इडली का
रेसपी बनाने की कोशिश कीजिए।

राजगिरे और सामा की इडली: एक कप
राजगिरे का आटा, आधा कप कुट्टू और आधा कप समा को छानकर छह कप बटरमिल्क में
चार-पाँच घंटों तक भिगोकर रखें। उसमें एक छोटा चम्मच हरी मिर्च का पेस्ट,
चार-पाँच पीसी हुई काली मिर्च, स्वादानुसार काला नमक डालें और अच्छी तरह
मिलाएँ। इडली स्टीमर में पर्याप्त मात्रा में पानी को उबालें। इडली स्टैण्ड
के खाँचे में अच्छी तरह से तेल लगाएँ, उसमें आधा भरकर बैटर डालें। स्टैण्ड
को स्टीमर में रखें और पंद्रह मिनिट तक भाप में पकाएँ। नारियल के चटनी के
साथ गरमागरम परोसें।