कोकम अगर आप गर्मी के दिनों में गोवा, मुम्बई या कोंकण के किसी भी प्राँत में हैं तो एक ग्लास ठंडा कोकम का श By Sanjeev Kapoor 03 Apr 2015 in लेख Know Your Ingredients New Update अगर आप गर्मी के दिनों में गोवा, मुम्बई या कोंकण के किसी भी प्राँत में हैं तो एक ग्लास ठंडा कोकम का शरबत लेना पसंद करेंगे। यह माना जाता है कि यह आपके (आंतरिक) प्रणाली को ठंडा करता है और तापघात या सूर्य आघात/लू लगने से बचने में मदद करता है।दूसरा, पेय जो कोकम को सबसे आगे लाता है वह है सोलकढ़ी। यह कोकम के निचोड़ के साथ, नारियल का दूध, ताज़ा हरा धनिया और कभी-कभी लहसुन को कूटकर बनाया जाता है। सोलकढ़ी मछली के करी के साथ अच्छा लगता है और साधारणतः गोवा और कोंकण प्राँत में खाने के साथ परोसा जाता है।यह सिर्फ खट्टापन और रंग ही नहीं देता है, बल्कि स्वाद भी देता हैकोकम कोंकण प्राँत का पैदाइशी है। इसका वनस्पति विज्ञानी नाम गारनिया इन्डिका है और यह मंगोस्टीन परिवार का सदस्य है। यह फल गहरा बैंगनी के पंखुड़ियों वाला होता है, जब ज़रूरत हो, इस्तेमाल करने के लिए सूखाकर संरक्षित किया जाता है।एक बात याद रखें कि कोकम को काटा नहीं जाता है बल्कि पानी में भिगोया जाता है और उससे जो सार निकलता है वह खट्टा-मीठा स्वाद लाता है और अद्भुत स्वाद लाता है और यही स्वाद फल को अद्वितीय बनाता है। यह खाद्द को रंग प्रदान करता है जो गुलाबी से बैंगनी रंग का होता है और यह रंग मूलतः साथ देने वाले सामग्री पर निर्भर करता है। मछली के व्यंजन के लिए तीन-चार कोकम की पंखुड़ि सही मात्रा में खट्टापन लाने के लिए यथेष्ट हैं।यह लू लगने से भी बचाता हैगर्मी के पेय में कोकम के सार के साथ बना मिश्रित पेय, कोकम का शरबत सबका प्रिय होता है। यह कोकम, चीनी, ठंडा पानी, कुछ भूना जीरा और काला नमक से बनता है। दूसरा कोंकणी ठंडा होता है जो गर्मी के दिनों में सबको प्रिय होता है, वह है अमसूल सार। यह सोलकढ़ी का ही एक प्रकार है जिसमें घी के साथ जीरा का हल्का तड़का डाला जाता है। कोकम के दूसरे प्रकार का इस्तेमाल गुजराती करते हैं (लोनावाला कोकम जो छोटा और सख्त होता है)। गुजराती में कोकम से खट्टी-मिट्टी दाल बनती है। दाल में तीन से चार कोकम का छोटा टुकड़ा डाला जाता है और उसके खट्टापन को निष्प्रभावी करने के लिए थोड़ा गुड़ डालकर अच्छी तरह उबाला जाता है। गर्म भात के साथ यह दाल पूर्ण रूप से ताज़गी प्रदान करता है। यह मछली के करी के साथ भी अच्छा लगता है। गोवा और कोंकण प्राँत में मछली के करी में कोकम इमली से ज़्यादा खट्टापन लाता है। Subscribe to our Newsletter! Be the first to get exclusive offers and the latest news Subscribe Now You May Also like Read the Next Article