कॉर्न के लिए दिवानगी यह कहना सही नहीं होगा कि कॉर्न का लुत्फ़ सिर्फ मॉनसून के महीनें में ही उठाया जा सकता है। इसका मज़ा स By Sanjeev Kapoor 22 Feb 2015 in लेख Know Your Ingredients New Update यह कहना सही नहीं होगा कि कॉर्न का लुत्फ़ सिर्फ मॉनसून के महीनें में ही उठाया जा सकता है। इसका मज़ा साल भर किसी-न-किसी प्रकार से हम उठा सकते हैं। खाद्द-प्रेमियों को कॉर्न सभी प्रकारों में प्रसन्नता प्रदान करता है। गर्म चाय या कॉफी के साथ कुरकुरा पकौड़ा या चिप्स के रूप में मज़ा ले सकते हैं। इसके अलावा एक दूसरे का चीज़ का मज़ा हम उठाते हैं वह है भुट्टा, जिसको कोयले के आग के ऊपर रेड चिल्ली पावडर, नमक और नींबु का रस लगाकर भूना जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि इस सुनहरे दाने के विचार मात्र से ही मुँह में पानी आ जाता है? इसके बारे में बाद में बात करते हैं, चलिए पहले यह जानते हैं कि यह स्वादिष्ट कॉर्न है क्या और कहाँ से आया है। कॉर्न का उद्भवकॉर्न के उद्भव के बारे में जानने के लिए हमें पश्चिमी सभ्यता की यात्रा के बारे में जानना पड़ेगा जब 1492 में कोलम्बस के लोगों ने क्युबा में इसकी खोज की थी। फिर वहाँ से यह निर्यात होकर यूरोप में आई। पहले यूरोप के लोगों ने कॉर्न को गंभीरता से नहीं लिया था मगर यह ज़्यादा दिन तक नहीं रहा। जल्दी ही बहुमूल्य फूड ग्रेन के रूप में जाना जाने लगा। लेकिन कुछ ही सालों में फ्रांस, इटली और दक्षिणपूर्वी यूरोप और उत्तरी अफ्रिका में फैल गया। 1575 तक पश्चिमी चीन, फिलिपीन्स और ईस्ट इंडीज़ के लोग इससे परिचित हो गए। फिर दुनिया के दूसरे देशों को इस कॉर्न से परिचित होने में देर नहीं लगी और खाद्द प्रेमियों के दिल पर राज करने लगा। कॉर्न के कई रूपमकई का स्वाद दानों के रूप में या भुट्टा दोनों रूपों में महान है। जैसा कि मैंने कहा है कि कोयले के ऊपर भूना हुआ धुँआ के महक वाला भुट्टा को खाने से कोई भी खुद को रोक नहीं सकता है। मकई के दानों को दूसरे तरह भी हम खा सकते हैं। दानों को अलग करके पानी में उबाल लें और मक्खन और नमक और काली मिर्च डालें और भिन्न स्वाद का लुत्फ़ उठायें। कॉर्न का मज़ा कॉर्नफ्लावर या कॉर्नस्टार्च के रूप में भी उठाते हैं, आप इसको अन्य नाम से भी पुकार सकते हैं। बाँधने के लिए यह उत्कृष्ट थिकनर का काम करता है। कॉर्न का एक अलग रूप है मक्की दो रोटी जो सरसों के साग के साथ खाया जाता है। पंजाबियों का जाड़े के दिनों का लोकप्रिय खाना है।स्लर्पी सूप और बहुत कुछपहली चीज़ जो हमारे दिमाग में आती है जब हम मकई के दानों को स्वीटकॉर्न सूप के रूप में देखते हैं। इसका स्वाद सब्ज़ियों या चिकन या क्रैब के साथ अच्छा लगता है। इसके उल्लेख मात्र से ओठों को स्मैक करने की इच्छा होती है। बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो इसका आनंद नहीं उठाये होंगे। इसके साथ कुरकुरा गारलिक ब्रेड खा सकते हैं और एक पूरे मील का आनंद उठा सकते हैं। ज़्यादातर रविवार के शाम को हम घर पर रहते हैं और रविवार के दोपहर में भारी लंच व्यंजनों के विभिन्नता के कारण हो जाता है। इसके लिए रात को गरम सूप और ब्रेड लें और पूरी नींद सोए लेकिन सोमवार के सुबह काम के संकेत के समय यह खाना ठीक नहीं होगा। कॉर्न से बने दूसरी चीज़ जो जीभ में पानी ला देते हैं वह है कॉर्न टॉपिंग वाला पीज़ा, कॉर्न फ्रिटर, कॉर्न चाउडर, कॉर्न और पेप्पर सलाद, कॉर्न सालसा, कॉर्न बरगर, कॉर्न पैनकेक, कॉर्न कोन, कॉर्न पाइ.... यह सब कॉन्टिनन्टल फूड है। आप कुछ स्वादिष्ट भारतीय रेसिपी भी बना सकते हैं जैसे- मक्की की टिक्की, कॉर्न रबड़ी, मक्की दी रोटी, मक्की मुर्ग, कॉर्न रायता, मक्की का भरता, कॉर्न धोकला, कॉर्न उपमा और बहुत सारे स्वादिष्ट रेसिपियाँ है। मकई के दानों को संरक्षित करनाकॉर्न अब बहुत लोकप्रिय हो गया है इसलिए इसको संरक्षित करना ज़रूरी हो गया है। कॉर्न अब आम खाद्द सामग्री बन गया है और पूरे दिन यूं ही रह जाता है। पहले के दिनों में जब किसी भी चीज़ को फ़्रीजिंग और कैनिंग करके संरक्षित करने का चलन नहीं था तब मकई के दानों को धूप में सुखाकर संरक्षित किया जाता था। इन चीज़ों को इस्तेमाल करने के लिए पानी में भिगोकर रखने के बाद पकाया जाता था। मकई के दानें मकई के पौधें के पूर्ण हो जाने के बाद ही आते हैं। मकई के पौधे को दो से तीन फीट लंबा होने दो और चाकू से मध्य भाग को काट दो आपको छोटे दाने भीतर नज़र आयेंगे। पौधे के बढ़ने के साथ यह बढ़ते जाते हैं। फिर रेशमी गुच्छे से पुष्प पराग मिलता है और रेशमी धागा दानों से निकलता है और दानें परिपक्व होते हैं। जहाँ पौधों को रोपा जाता है, वह मकई का खेत हरे रंग का कम्बल जैसा लगता है और यह अपूर्व दृश्य देखने लायक होता है।क्या आप जानते हैंकॉर्न का अर्थ हर देश में अलग-अलग होता है। युनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में मेज़ या इंडियन कॉर्न कहा जाता है। इंग्लैंड में वीट् और स्कॉटलैंड और आयरलैंड में ओट कहा जाता है। बाइबल में मकई को गेहूं या जौ के रूप में उल्लेखित किया जाता है। कॉर्न कितना स्वास्थ्यवर्द्धक होता हैमकई के बारे में बहुत सारी बातें है। कॉर्न पौष्टिकता से भरपूर होता है, एन्टिऑक्सिडेंट और फाइबर से पूर्ण होता है।रक्त चाप को उन्नत करता है। काफ़ी मात्रा में पोटाशियम रहता है जो रक्त चाप को उन्नत करता है। वृद्ध लोगों और किडनी की बिमारी से ग्रस्त लोगों को इतने मात्रा में पोटाशियम ग्रहण करना सही नहीं होता है। मेरी यह सलाह है कि डॉक्टर से आपके पोटाशियम के ज़रूरत के बारे में सलाह ले लेनी चाहिए।एन्टिऑक्सिडेंट से भरपूर होने के कारण सेल को क्षति पहुँचाने वाले फ्री रैडिकल से लड़ता है और हृदय की बिमारी, कैंसर और दूसरे बिमारियों से लड़ने में मदद करता है। गेहूं, चावल या ओट की तुलना में कॉर्न एन्टिऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत होता है। इसके अलावा कैरिटेनॉएड, विटामिन सी और विटामिन ई का भी स्रोत है।कॉर्न में कैरिटेनॉएड रहता है वह विशेषकर आंखों के लिए अच्छा होता है और क्रोनिक आई डिज़ीज़ से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है जैसे मस्कुलर डीजेनेरेशन और मोतियाबिंद। फाइबर से भरपूर होने के कारण कब्ज़ की बिमारी को दूर करने में मदद करता है। शरीर से टॉक्सिन दूर करने में भी मदद करता है। Subscribe to our Newsletter! 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