पनीर - फटे हुए दूध को लेकर चिंतित न हों

मैं पनीर पसंद करता हूं। यहाँ तक कि मेरे परिवार के लोगों को भी पनीर बहुत पसंद है। सप्ताह में दो दिन त

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do not cry over this split milk paneer

मैं पनीर पसंद करता हूं। यहाँ तक
कि मेरे परिवार के लोगों को भी पनीर बहुत पसंद है। सप्ताह में दो दिन तो
ज़रूर यह हमारे खाने के मेज़ को सुशोभित करता है।

इस बहुगुणी पनीर
का इस्तेमाल बहुत सारे व्यंजन बनाने में होता है, जैसे - सूप, सलाद,
स्टारटर, स्नैक्स, मेनकोर्स में डिप और डेज़र्ट या मीठा बनाने में होता है।
और मेरा यह सोचना है कि दूसरा कोई ऐसा सामग्री नहीं है जिसका इतने तरह से
इस्तेमाल होता है। पनीर डेरी प्रोडक्ट का सबसे आकर्षक उत्पादक है। वैसे तो
यह फटा हुआ दूध है मगर पनीर के साथ बहुत कुछ किया जा सकता है।
पनीर सभी
उम्र के लोगों के बीच लोकप्रिय है। मेरे लिए यह सोचना मुश्किल है कि पनीर
के बारे में कोई जानता नहीं है और उसका स्वाद किसी ने चखा नहीं है। ऐसा कौन
है जो पनीर के बारे में बेख़बर है, तो उनके लिए यह ख़बर है कि यह भारतीय
चीज़ है। मेरी छोटी बेटी कहती है कि जब फोटो खिंचा जाता है तब हमें ‘पनीर’
कहना चाहिए, जिससे कि इसके उल्लेख मात्र से चेहरे पर मुस्कान आ जाए।

पनीर का उद्भव कहाँ हुआ है
इसको
बहुत सारे नामों से पुकारा जाता है - पनीर, कॉटेज चीज़, चमन, छेना और
भारतीय पाकशैली में कई युगों से अभिन्न अंग बना हुआ है। इसके उद्भव के बारे
में पता लगाना बहुत मुश्किल है। वैदिक साहित्य में पनीर के रूप का संदर्भ
मिलता है, लेकिन पाकशैली के इतिहासकारों का मानना है कि पनीर, या दूध के
अम्लीयकरण की प्रक्रिया से जो पनीर बनता है, वह पोर्तगीजों की देन है।

फिर
कुछ लोगों ने यह अनुभव किया कि भारत में पनीर की लोकप्रियता परसियन और
मध्यपूर्वी लोगों का प्रभाव है। पनीर बीन कर्ड या टोफू के तरह ही है, जो
दक्षिण पूर्व एशिया में बहुत लोकप्रिय है।

इसका उद्भव जहाँ भी हुआ
हो, हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते है कि आजकल मांसाहारी खाने के विकल्प
में पौष्टिक, स्वादिष्ट पनीर आता है। दूध के सारे अच्छाई और प्रोटीन के साथ
यह भरपूर होता है। शाकाहारियों का मानना है कि पनीर मीट या पोलट्रि के
किसी भी व्यंजन का सबसे उपयुक्त विकल्प है।

घर पर पनीर कैसे बनायें
घर
पर पनीर बनाना आसान होता है। दो लीटर ताज़ा दूध उबालें और जब उबलने लगे तब
उसमें दो बड़ा चम्मच विनेगर या नींबु का रस या दही डालें और फटने तक
लगातार हिलाते रहें। सारा छेने का पानी निकाल दें और साफ सूती कपड़े में
लपेटके रख दें फिर ठंडे पानी में धोकर अच्छी तरह छान लें। गोला बनायें और
भारी चीज के नीचे बीस मिनट तक रखें। यह सारी प्रक्रिया से दो सौ ग्राम पनीर
के लिए होती है।

छेने के पानी के साथ क्या करें
अगर
छेने के पानी का रंग हल्का हरा रंग का है तो इसका मतलब है ज़्यादा मात्रा
में दूध निकल गया है। आपको इस बात की सलाह दी जाती है कि छेने के पानी को न
फेंके यह पौष्टिक होता है। इसका इस्तेमाल उपमा बनाने के लिए, रोटी के लिए
आटे को गूंदने के लिए या दाल या सूप में डालने के लिए होता है।

छेने
के पानी का इस्तेमाल पनीर बनाने के लिए भी होता है। नींबु के रस या विनेगर
से फटा हुआ पनीर छेने के पानी से फट कर बने हुए पनीर के तुलना में ठोस
होता है। छेने के पानी से फटा हुआ पनीर ज़्यादा नरम होता है।

पनीर से स्वास्थ्य लाभ
पनीर
कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और दाँतों को सुदृढ़ता प्रदान
करता है, आस्टिओपरोसिस से भी बचाता है। अगर पनीर संतुलित मात्रा में खाते
है तो वजन भी कम होता है साथ इन्स्यलिन प्रतिरोधी लक्षण बढ़ने के खतरे को
कम करता है। इसके अलावा यह प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और यह कैंसर के
खतरे को भी कम करता है।

पेट के गड़बड़ी को कम करता है, उम्र बढ़ने
के साथ हड्डी के लिए मददगार साबित होता है, विशेषकर औरतों के लिए। यह नीचले
भाग, पृष्ठ भाग और जोड़ो के दर्द में मदद करता है।

किचन में पनीर
पनीर
बहुउपयोगी होता है। हम घर में मटर पनीर, पालक पनीर या पनीर जलफ़रेजी बनाते
है। पार्टि में पनीर स्टारटर परोसते हैं - जिनमें पनीर टिक्का, पनीर कबाब
होता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जिसका इंतज़ार सभी मेहमान करते हैं जैसे पनीर
और बेबीकॉर्न बालचायो या पनीर कालिया आदि। हमलोग जब पनीर टिक्का सिज़लर
परोसते हैं तब मेहमान खुश हो जाते हैं।

पनीर ज़्यादातर सब्ज़ियों
के साथ या चावल के साथ अच्छा मेलबंधन बैठाता है। छोटे-छोटे आकर के पनीर के
साथ चाट के क्या कहने! बहुत सारी चीज़ें पनीर से बनाई जाती हैं इसलिए दूध
फटने पर चिंता न करें क्योंकि इस से बहुत सारी स्वादिष्ट चीजें बनती है।